सोमपुर के चौराहे पर एक पुराना पीपल का पेड़ था, उसपर एक गौरैया चिड़िया अपना घोंसला बनाकर पति गौरैया के साथ रहती थी। एक दिन गौरैया ने घोंसले में कुछ अंडे दिए।
गौरैया को रोज अपने अंडों को सेकती थी। उसे उसने बच्चों के बाहर निकलने का बड़ा बेसब्री से इंतजार था। एक दिन अंड़ों को सेकते हुए गौरैया के पति ने उसे देखा। उसके मन में हुआ कि ये जबतक अंड़ों को सेक रही है, तबतक मैं खाने का कुछ इंतजाम करके आ जाता हूं।
जैसे ही गौरैया का पति खाने लेने के लिए उड़ा वैसे ही एक पागल हाथी सोमपुर चौराहे की तरफ दौड़ते हुए बड़े। वो गुस्से में आसपास के सारे पेड़ तोड़ने लगा। उन्हीं पेड़ों में से एक वो पीपल का पेड़ भी था, जिसमें वो गौरैया रहती थी।
हाथी उस पीपल के पेड़ को इतनी जोर से हिलाने लगा कि गौरैया का घोंसला गिर गया और गौरैया के सारे अंड़े फूट गए। अंडे से चूजों के निकलने का इंतजार कर रही गौरैया अब उनके फूटने का गम मनाने लगी। उसकी आंखें आंसू से भरी थीं।
उसी समय गौरैया का पति वापस आया। उसने अपनी पत्नी को टूटे हुए अंड़ों के पास रोते हुए देखा। गौरैया ने अपने पति को हाथी के बारे में सबकुछ बता दिया। गुस्से में गौरैया के पति ने हाथी से बदला लेने की ठान ली।
गौरैया का पति अपने एक दोस्त के पास गया। वो कठफोड़वा नाम का पक्षी था। उसे गौरैया के पति ने अपने घोंसले और पत्नी की हालत सबकुछ बता दिया।
दोनों ने उस हाथी से बदला लेने की योजना बनाने की सोची। इस योजना में कठफोड़वा ने अपने दो दोस्त मधुमक्खी और मेंढक को भी शामिल कर लिया।
अपनी योजना के अनुसार, पहले मधुमक्खी उस हाथी के पास गई और उसके कान में गुनगुनाने लगी। हाथी को मधुमक्खी का संगीत अच्छा लगने लगा। हाथी आंखें बंद करके जहां खड़ा था वही लेट गया।
हाथी को आराम से लेटे हुए देखकर कठफोड़वा पक्षी ने हाथी की आंखें फोड़ दी। दर्द में हाथी करहाने लगा। उसके बाद मेंढक और उसके कुछ साथी थोड़ी दूर दलदल के पास से टर्र-टर्र करने लगे।
हाथी को लगा की मेंढक की आवाज आ रही है, तो हो सकता है कि पास में तलाब या नदी हो। इसी सोच के साथ हाथी मेंढक की आवाज वाली दिशा की तरफ बढ़ने लगा। हाथी की आंखें फूट चुकी थीं, इसलिए वो आगे अंदाजे से बढ़ रहा था और बढ़ते-बढ़ते तालाब में गिर गया।
हाथी धीरे-धीरे दलदल में फंसते चला गया और थोड़ी ही देर में उसकी मौत गई। सभी दोस्तों का प्लान सफल हो गया और गौरैया के पति को बदला मिल गया
कहानी से सीख : कमजोर लोग भी एकजुट होकर ताकतवर लोगों को हराया जा सकता है।