कवि और राजा के महल की कहानी | The Poet And The King Palace Story In Hindi

पाल्पा देश में एक प्रसिद्ध कवि था। वो राजा को प्रसन्न करने के लिए रोजाना राजमहल जाकर उन्हें अपनी कविता सुनाने की कोशिश करता था। मगर सैनिक हमेशा कवि को कहते तुम राजमहल तबतक नहीं जा सकते जबतक तुम्हें राजा का बुलावा नहीं आता।


कवि रोजाना शाम के समय राजमहल के बाहर जाता और रोज सिपाही उसे यही कहते। कवि उदास होकर घर लौट जाता। एक शाम कवि घर से राजमहल के लिए निकल ही रहा था कि दरवाजे पर कोई आया। कवि ने जब दरवाजा खोला, तो एक व्यक्ति ने उससे एक पता पूछा। 


कवि ने बताया कि यह पता बेहद दूर का है। अभी शाम हो चुकी है, तो आप अभी आप यहां रुक जाएं। कल सुबह आप निकल जाना। 


कवि ने कहा कि मेरे यहां रुकने से आपके परिवार को दिक्कत होगी। मैं किसी दूसरी जगह रुक जाऊंगा। कवि ने उनकी बात नहीं सुनी और बार-बार उनसे रुकने का आग्रह किया। इतने कहने के बाद वह व्यक्ति कवि के यहां रुकने के लिए तैयार हो गया। 



कवि की पत्नी ने धीरे से अपने पति से कहा, हमारे पास खाना बनाने के लिए भरपूर अनाज नहीं है। ऐसे में हम अतिथि का सत्कार कैसे करेंगे।


कवि जवाब में कहता है, तुम चिंता मत करो। मैं बाहर जाकर कुछ प्रबंध करता हूं। तुम अतिथि का ख्याल रखना। यह सारी बातें वह अतिथि सुन लेता है। 


इसके बाद कवि अतिथि के पास जाकर कहता है, आप आराम कीजिए। मैं बाहर जाकर आता हूं। थोड़ी देर बाद कवि एक राशन की दुकान से उधार सामान लेकर आता है।


कवि की पत्नी खान बनाकर अतिथि को भोजन के लिए बुलाते हैं। भोजन करने के बाद कवि ने उसे कुछ कविताएं सुनाई। अतिथि को कविताएं बेहद पसंद आईं। उसने कविता की बहुत तारीफ की।


कवि ने कहा, इसका कोई मतलब नहीं है, क्योंकि मेरी कविता कोई नहीं सुनता। मैं रोज राजा को अपनी कविताएं सुनाने के लिए राजमहल जाता हूं, लेकिन मुझे सैनिक राजा से मिलने नहीं देते।



अतिथि बोला, आपकी कविताएं बहुत अच्छी हैं। आपको अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए। कभी-न-कभी आपको राजा को अपनी कविताएं सुनाने का मौका जरूर मिलेगा।


अगले दिन सुबह होते ही वह अतिथि कवि के घर से चला गया। शाम को कवि राजमहल जाने के लिए निकलने ही वाला होता है कि राजा के सैनिक कवि के घर पहुंच जाते हैं। सैनिक कहते हैं आपके लिए राजा ने बुलावा भेजा है। 


सैनिकों के साथ कवि राजमहल चला गया। वहां उसने राजा को बहुत सारी कविताएं सुनाई। राजा ने कवि को राजमहल में ही नौकरी दे दी और कविता सुनाने के लिए इनाम भी दिया। 


खुशी के मारे तेजी से कवि घर गया और अपनी पत्नी को राजा से मिले इनाम और नई नौकरी के बारे में बताया। पत्नी भी बेहद प्रसन्न हुई और कहा कि वह अतिथि हमारे लिए भाग्यशाली निकला। उनके आने से जीवन में खुशहाली आ गई। 


कहानी से सीख - इंसान को लगातार कोशिश जारी रखनी चाहिए। कभी-न-कभी उसे मौका जरूर मिलता है।

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