समसानु नामक देशवासी खूब शिकार करते थे। एक बार शिकार उनके हाथों से यूनिकॉर्न नामक जानवर बचकर निकल गया। यूनिकॉर्न जानवर इतना फुर्तिला था कि बहुत कोशिश करने के बावजूद भी वो किसी के पकड़ में नहीं आया।
समसानु देश के सरदार ने पूरे देशवासियों को यूनिकॉर्न का शिकार करने के काम पर लगा दिया। पूरे देशवासी हर समय यूनिकॉर्न को पकड़ने के लिए जाल बुनते रहते। महीनों हो गए, लेकिन ऐसा कोई उसे पकड़ नहीं पाया।
एक दिन लोगों ने सफेद यूनिकॉर्न को आसमान में उड़ते हुए देखा। यूनिकॉर्न के जमीन में आते ही, लेकिन उसके पीछे भागने लगे। समसानु देश का सरदार भी वहां पहुंच गया। सभी उसका पीछे करते हुए एक नदी किनारे गए। वहां यूनिकॉर्न पानी पी रहा था, तभी सब लोगों ने उसपर जाल डालकर उसे पकड़ लिया।
जाल में यूनिकॉर्न को घसीटते हुए उसे पिंजरे में बंद कर दिया और सभी जश्न मनाने लगे। जश्न के समय पिंजरे में कैद यूनिकॉर्न ने उससे बाहर निकलने की खूब कोशिश की, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। उसी समय पास में ही आग लग गई। सभी चिल्लाने लगे। आग बढ़ती चली गई।
सभी इधर-उधर भाग रहे थे, लेकिन यूनिकॉर्न पिंजरे में था, इसलिए भाग नहीं पाया। तभी एक सैम नामक लड़के ने पिंजरा खोल दिया। पिंजरा खुलते ही वो उस लड़के को पीठ में बैठाकर आसमान में उड़ गया। सैम ने यूनिकॉर्न से कहा, "मेरे इलाके के लोग दिक्कत में हैं, उन्हें आग से बचा लो।"
उसी समय यूनिकॉर्न जमीन पर उतरा और मुंह से ठंडी हवा फेंकर आग को तुरंत बुझा दिया। आग बुझाकर यूनिकॉर्न सैम को लेकर जंगल चला गया। दोनों कुछ दिनों तक उसी जंगल में रहे। एक दिन यूनिकॉर्न वापस आसमान में उड़ने लगा। सैम ने पूछा, तुम दोबारा वापस कब आओगे?
यूनिकॉर्न ने कोई जवाब नहीं दिया और उड़ गया। उस दिन से रोजाना सैम आसमान की तरफ देखता और यूनिकॉर्न की राह देखता। सेम को अपनी और यूनिकॉर्न की दोस्ती काफी याद आती है।
कहानी से सीख : यूनिकॉर्न की कहानी यह बताती है कि जो दूसरों की मदद करते हैं, उनकी मदद के लिए लोग खड़े रहते हैं।
