सोनपुर गांव में रूपक नामक का एक कंजूस धोबी रहता था। उसके पास मोती नाम का गधा। कंजूसी के कारण अपने गधे को रूपक धोबी बहुत कम चारा देता था।
दिन-ब-दिन धोबी कमजोरी होता जा रहा था। एक दिन घास चरने के लिए धोबी जंगल में निकल गया। वहां एक गीदड़ उसे मिला।
गीदड़ बोला, “भाई मोती तुम बहुत कमजोर हो।”
गधे ने कहा, “मेरा मालिक मुझसे काम तो बहुत करवाता है, लेकिन खाने-पीने को कुछ नहीं देता। इसी वजह से मेरी ये हालत हो गई है।
गीदड़ ने कहा, “ दोस्त तुम्हें स्वस्थ बनाने की एक तरकीब है। पास में ही एक बाग है, जिसमें फल-सब्जियां लगी हैं। वहां तुम रात को एक गुप्त रास्ते से जाकर सबकुछ खा सकते हो। मैं भी वही जाता हूं खाने के लिए।”
गधा और गीदड़ दोनों रात में मिलकर उस बाग में चले गए। वहां गधे ने जब इतनी सारे रसीले फल व सब्जियां देखीं, तो वो जल्दी-जल्दी खाने लगा।
दोनों ने इतना खा लिया था कि उसी बाग में गधा और गीदड़ सो गए। नींद से जागते ही गीदड़ और गधा तेजी से बाग से निकल गए।
रोजाना दोनों रात को मिलकर उस बाग में जाकर भरपेट खा लेते थे। धीरे-धीरे गधा हट्टा-कट्टा हो गया। उसका अंदर घुसा पेट बाहर निकल आया और आंखें चमक उठीं।
एक दिन बाग में गधा खुशी के मारे लोटपोट करने लगा। गीदड़ ने पूछा, भाई तुम्हें क्या हो गया है?
गधे ने कहा, मैं बहुत खुश हूं। मैं तो आज इतना खुश हूं कि ढेचु-ढेचु करके गाना गाना चाहता हूं। गीदड़ बोला, भूलो मत हम चोरी से यहां खाते हैं। अगर तुमने गाना गाया, तो हम पकड़े जाएंगे।
गधे ने जवाब दिया, तुम मेरे मन को नहीं समझ सकते हो। हम लोग गाने के शौकीन होते हैं। आज तो मैं जरूर गाऊंगा।
गीदड़ को समझ आ गया कि ये मेरी बात नहीं सुनेगा। अब मुझे यहां से निकलना होगा। वो बोला देखो गधे भाई, तुम सही कह रहे हो। तुम लोग खानदानी गायक हो। अब तुम्हें जितनी जोर से गाना है गा लेना।
मैं तुम्हारे लिए एक फूल की माला लेने के लिए जाता हूं और तुम अपना गाना मेरे जाने के 5-10 मिनट बाद शुरू करना। तबतक मैं वापस आ ही जाऊंगा।
खुशी के मारे गधा कहता है, जाओ तुम माला लेकर आना। मैं थोड़ी देर में गाना शुरू करता हूं।
गीदड़ अपना दिमाग लगाकर उस बाग से पेटभर खाना खाकर निकल गया। कुछ देर बाद गधा जोर-जोर से ढेचु-ढेचु करने लगा। गधे की ढेचु सुनते ही बाग का रखवाला वहां आ गया।
एक लाठी हाथ में उठाकर गधे की पिटाई करते हुए बाग का रखवाला बोला, तू पूरे बाग को बर्बाद कर रहा था। आज हाथ लगा है। तेरी इतनी पिटाई करूंगा कि तू दोबारा किसी के बाग में नहीं घुसेगा।
इतनी पिटाई होने के बाद गधा बेहोश हो गया। अधमरी हालात में पड़े गधे को बाग के रखवाले ने घसीटकर बाहर निकाल दिया।
कहानी से सीख : संगीतमय गधा कहानी सीख देती है दूसरों की बातें सुनकर समझनी चाहिए। हरदम मनमानी करना जान पर भारी पड़ सकता है।