पंचतंत्र की कहानी: चालाक लोमड़ी | Clever Fox Story In Hindi

एक घने जंगल में तीन जानवर लोमड़ी, गधा, और शेर के बीच दोस्ती हो गई। एक दिन तीनों दोस्तों ने मिलकर शिकार करने की सोची, जिसपर सबका बराबर हक होगा। 

फैसला लेते ही तीनों जानवर मिलकर जंगल में शिकार की तलाश के लिए निकल गए। तीनों को एकसाथ हिरण दिखा। सब उसका शिकार करने के लिए हिरण पर टूट पड़े। 


सबसे बचकर भागते-भागते हिरण थक गया। कुछ देर आराम करने के लिए एक पेड़ के बगल में हिरण रुका। उसी वक्त शेर ने हिरण को मार डाला।


तीनों दोस्त शिकार होने पर जश्न मनाने लगे। शेर ने गधे से कहा, इसको सबमें बांट दो। गधे को पता था कि पहले से तय हुआ है कि सबको बराबर हिस्सा मिलेगा, इसलिए उसने तीन टुकड़े कर दिए।


हिरण के तीन टुकड़े देखकर शेर गुस्से से दहाड़ने लगा। दहाड़ने से भी उसका गुस्सा कम नहीं हुआ, तो उसने गधे को बीच से चीरकर दो टुकड़े कर दिए।


यह देखकर लोमड़ी डर गई। वो चालाक थी, इसलिए समझ गई कि शेर को ज्यादा हिस्सा चाहिए। अगर नहीं दिया, तो मेरा हाल भी गधे जैसा ही होगा।


लोमड़ी ने चुपचाप सबसे बड़ा हिस्सा शेर को दे दिया। अपने पास ज्यादा हिस्सा देखकर शेर खुश हो गया। उसने पूछा, “लोमड़ी तुम इतनी समझदार कैसे हो। तुमने इश तरह शिकार बांटा कि मेर मन गदगद हो रहा है। शिकार का इस तरह से हिस्सा लगाना तुम्हें किसने सिखाया।”


लोमड़ी बोली, जंगल के राजा को किस तरह हिस्सा लगाना है, यह सिखने की जरूरत नहीं है। आप राजा हैं और राजा को इज्जत के साथ अधिक परोसा जाता है। मैंने गधे को भी देखा उसकी स्थिति कैसी हुई। उस बात से भी थोड़ी सीख ली मैंने।


शेर बोला, तुम सच में बड़ी बुद्धिमान हो। मुझे तुमने खुश कर दिया है।


कहानी से सीख: हमें खुद की ही नहीं, बल्कि दूसरों की गलतियों से भी सीख लेनी चाहिए। 

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